New Delhi : लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर ऐतिहासिक चर्चा, पहली बार ईवीएम से हुई वोटिंग

New Delhi : लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर ऐतिहासिक चर्चा, पहली बार ईवीएम से हुई वोटिंग

New Delhi : ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। यह कदम संसदीय कार्यवाही में तकनीकी सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

New Delhi : लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर चर्चा के दौरान पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया। यह ऐतिहासिक कदम भारत की संसदीय प्रणाली में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। संसद में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) बिल को पेश किया गया। इस बिल का उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है, ताकि चुनावी प्रक्रिया के दौरान खर्च और समय की बचत हो सके। बिल पर वोटिंग के लिए पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल हुआ, जिसने संसद की कार्यवाही में एक नई परंपरा की शुरुआत की।

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विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस

बिल पेश होने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सरकार की ओर से दलील दी गई कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, चुनावी खर्चों में भारी कमी होगी, और लगातार चुनावों के कारण आने वाले व्यवधानों से देश को राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘समय की जरूरत’ बताया और कहा कि यह कदम देश के विकास को नई गति देगा।

वहीं, विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे “संघीय ढांचे पर खतरा” करार दिया। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह बिल राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करेगा और केंद्र सरकार को अधिक शक्तिशाली बनाएगा।” कुछ दलों ने यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया लोकतंत्र का मूल आधार है, और इसे बार-बार चुनाव कराकर जनता से जुड़ाव बनाए रखना चाहिए।

ईवीएम का पहला प्रयोग

वोटिंग प्रक्रिया के दौरान पहली बार ईवीएम का उपयोग किया गया। संसद में लगाए गए विशेष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के जरिए सांसदों ने अपना मत दर्ज कराया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि इस नई तकनीक से मतगणना की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।

ईवीएम के जरिए वोटिंग के नतीजे तुरंत सामने आए। कुल 545 सीटों वाले लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 320 वोट और विरोध में 210 वोट पड़े। 15 सांसदों ने वोटिंग से दूरी बनाई। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की सफलता को देखते हुए संसद में भविष्य में भी इसी तकनीक का उपयोग करने की बात कही जा रही है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू होता है, तो यह राजनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से देश के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे प्रशासनिक कामों में होने वाले व्यवधान कम होंगे, और विकास योजनाओं को निर्बाध गति मिल सकेगी। हालांकि, इसका व्यवहारिक पक्ष कितना सफल होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

आगे की राह

बिल को अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसे लेकर और गहन चर्चा की उम्मीद है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का क्रियान्वयन कई संवैधानिक संशोधनों पर निर्भर करेगा, और इसे लागू करने के लिए व्यापक सहमति की आवश्यकता होगी।

बहरहाल, इस ऐतिहासिक वोटिंग प्रक्रिया ने भारतीय लोकतंत्र में तकनीकी सशक्तिकरण की ओर एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है।

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