Indian Stock Market : भारतीय शेयर बाजार में हुई भारी गिरावट

Indian Stock Market : भारतीय शेयर बाजार में हुई भारी गिरावट

Indian Stock Market : भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में आई भारी गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया नीतियों के कारण बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे निवेशकों का विश्वास प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा की गई बिकवाली, भारतीय रुपया की डॉलर के मुकाबले कमजोरी, और डॉलर इंडेक्स तथा अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि ने भी बाजार को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

Indian Stock Market : शेयर बाजार में भारी गिरावट ने निवेशकों को सकते में डाल दिया है। आज बड़े कैप स्टॉक्स, जैसे रिलायंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, इंफोसिस और एचसीएल टेक में 10% तक की गिरावट आई। इससे निवेशकों को 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोविड के बाद यह गिरावट एक बड़े सवाल के रूप में खड़ी है: क्या यह गिरावट अब थमेगी या और बढ़ेगी? आर्थिक अस्थिरता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और वैश्विक वित्तीय दबाव जैसी वजहों से बाजार में यह उतार-चढ़ाव आया है। निवेशकों को अब समझने की जरूरत है कि आगे क्या होगा और क्या उन्हें और नुकसान होगा।

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वैश्विक स्तर पर बिकवाली: ट्रंप के टैरिफ टेरर से भारतीय बाजार पर भी असर

वैश्विक बाजारों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ योजनाओं के चलते भारी बिकवाली देखी गई है। ट्रंप प्रशासन ने इन टैरिफ (शुल्क) योजनाओं को लेकर किसी भी तरह की नरमी के संकेत नहीं दिए हैं, जिससे निवेशकों में चिंता और अस्थिरता बढ़ी है। इस बिकवाली का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, जहां प्रमुख इंडेक्स में गिरावट देखी गई। वैश्विक स्तर पर बढ़ते व्यापारिक तनाव और शुल्क युद्ध के कारण बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिससे निवेशकों में बेचैनी व्याप्त है।

बाजार में मंदी की चिंता बढ़ी: ट्रंप प्रशासन का सख्त रुख

ट्रंप प्रशासन द्वारा 180 से अधिक देशों पर लगाए गए व्यापक टैरिफ से बाजार में अस्थिरता और चिंता बढ़ गई है। त्वरित बातचीत से किसी सकारात्मक नतीजे की उम्मीदें कमजोर हो गई हैं, जिससे अमेरिका और दुनियाभर में मंदी का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ेगा और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गिरावट की संभावना बनी हुई है।

महंगाई बढ़ने का खतरा: ट्रंप के टैरिफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ से दुनियाभर में महंगाई बढ़ेगी, जिससे कॉरपोरेट मुनाफे पर दबाव बनेगा। इससे कंपनियों की कमाई घटेगी और उपभोक्ताओं की भावना पर नकारात्मक असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई और आर्थिक अस्थिरता का यह सिलसिला वैश्विक आर्थिक विकास को और चुनौतीपूर्ण बना सकता है, जिससे आगे चलकर विकास की दर धीमी पड़ सकती है। यह वैश्विक बाजारों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

विदेशी निवेशकों ने फिर बिकवाली शुरू की: बाजार में बढ़ी गिरावट

पिछले महीने खरीदार बनने के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अप्रैल में एक बार फिर भारतीय शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी है। अब तक (शुक्रवार तक) एफपीआई ने ₹13,730 करोड़ मूल्य के भारतीय शेयर कैश सेगमेंट में बेच डाले हैं। यह बिकवाली वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ट्रंप टैरिफ के प्रभाव से बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाती है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय बाजार में गिरावट और अस्थिरता और बढ़ गई है, जिससे निवेशकों की चिंताएं गहरी हो गई हैं।

क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्ट? टैरिफ से बाजार में अस्थिरता

शेयर मार्केट एक्सपर्ट सिद्धार्थ कुंआवाला ने कहा कि टैरिफ के असर से भारतीय बाजारों पर अस्थिरता छाई हुई है, और सुधार में वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि यदि निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह सही समय हो सकता है। वहीं, अयोध्या प्रसाद शुक्ला ने बताया कि अमेरिकी टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर पड़ सकता है, और भारतीय बाजार को स्थिर होने में 2-3 महीने का वक्त लग सकता है। सभी सेक्टर्स पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।

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