Pakistan’s Sleeper : पहलगाम से पहले ISI की खतरनाक चाल! पाकिस्तान का स्लीपर सेल पकड़ में आया

Pakistan’s Sleeper : पहलगाम से पहले ISI की खतरनाक चाल! पाकिस्तान का स्लीपर सेल पकड़ में आया

Pakistan’s Sleeper : भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक और आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, यह साजिश पहलगाम आतंकी हमले से पहले रची गई थी।

Pakistan’s Sleeper : जांच में पता चला है कि ISI भारत में अपने स्लीपर सेल नेटवर्क के जरिए हमले की योजना बना रही थी। एजेंसियों ने इस नेटवर्क को बेनकाब कर कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के जरिए अहम सुराग हाथ लगे हैं। इस खुलासे के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

दिल्ली में ISI का स्लीपर सेल नेटवर्क बेनकाब, पहलगाम हमले से पहले बड़ी साजिश नाकाम

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने भारत में एक और बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी। इस साजिश को लेकर अब अहम खुलासा हुआ है। केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली में सक्रिय ISI के स्लीपर सेल नेटवर्क को उजागर कर बड़ी सफलता हासिल की है। तीन महीने से ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन के बाद 15 फरवरी को सेंट्रल दिल्ली से नेपाली मूल के पाकिस्तानी जासूस अंसारुल मियां अंसारी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अंसारी ने ISI की साजिशों का पर्दाफाश किया।

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दिल्ली में दबोचा गया ISI एजेंट, सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज बरामद

सेंट्रल एजेंसियों ने एक बेहद गोपनीय ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 15 फरवरी को दिल्ली से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहे एजेंट अंसारुल मियां अंसारी को गिरफ्तार किया। नेपाली मूल का यह एजेंट ISI के इशारे पर भारत आया था और सेना व सशस्त्र बलों से जुड़े कई संवेदनशील दस्तावेज इकट्ठा कर चुका था। एजेंसियों के मुताबिक, वह इन जानकारियों को पाकिस्तान भेजने की तैयारी में था। गिरफ्तारी के वक्त वह दिल्ली से पाकिस्तान भागने की कोशिश में था। पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

ISI नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई: रांची से एक और एजेंट गिरफ्तार, सेना के गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तान भेजने की साजिश बेनकाब

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ISI के स्लीपर सेल नेटवर्क पर बड़ी चोट करते हुए रांची से अखलाख आज़म नाम के एक और एजेंट को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी दिल्ली से पकड़े गए अंसारुल मियां अंसारी से पूछताछ के बाद की गई। जांच में सामने आया है कि ISI ने अंसारुल को इंडियन मिलिट्री से जुड़े बेहद गोपनीय दस्तावेजों की CD बनाकर पाकिस्तान भेजने को कहा था, जिसमें अखलाख उसकी मदद कर रहा था। जनवरी से मार्च 2025 तक चला यह ऑपरेशन बेहद खुफिया स्तर पर अंजाम दिया गया, जिसमें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी शामिल थी। अंसारुल के पास से बरामद दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है कि वे भारतीय सशस्त्र बलों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज हैं।

ISI ने नेपाल के रास्ते दिल्ली भेजा एजेंट, कतर में हुआ था ब्रेनवॉश और भर्ती

दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तार किए गए नेपाली मूल के अंसारुल मियां अंसारी ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। अंसारुल ने बताया कि वह पहले कतर में कैब चलाने का काम करता था, वहीं उसकी मुलाकात ISI के एक हैंडलर से हुई। सूत्रों के अनुसार, इसके बाद उसे पाकिस्तान ले जाया गया जहां ISI के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसका ब्रेनवॉश किया और खुफिया ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अंसारुल को नेपाल के रास्ते दिल्ली भेजा गया। इस पूरे ऑपरेशन का मकसद भारत में जासूसी नेटवर्क को मजबूत करना था।

ISI एजेंटों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जासूसी मामले में जल्द हो सकती है सुनवाई

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहे दो जासूसों—अंसारुल मियां अंसारी और अखलाक आज़म—के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मई महीने में चार्जशीट दाखिल कर दी है। दोनों को जनवरी से मार्च 2025 के बीच गिरफ्तार किया गया था। शुरुआती जानकारी खुफिया एजेंसी आईबी को मिली थी, जिसके बाद पूछताछ कर उन्हें दिल्ली पुलिस को सौंपा गया। आरोप है कि दोनों भारत की सैन्य गतिविधियों से जुड़ी गोपनीय जानकारियाँ इकट्ठा कर ISI तक पहुँचा रहे थे। अब इस मामले में अदालत द्वारा जल्द संज्ञान लेने की संभावना है, और सुनवाई शुरू हो सकती है।

सेना से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान भेजते थे ISI एजेंट, दिल्ली से फरवरी में हुई थी गिरफ्तारी

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहे एजेंटों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वे भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान भेज रहे थे। गिरफ्तार किए गए अंसारुल मियां अंसारी और उसके सहयोगी के मोबाइल फोन सीज कर दिए गए हैं। अंसारुल नेपाल का रहने वाला है और कुछ साल पहले तक कतर में टैक्सी ड्राइवर था। वहीं उसकी मुलाकात ISI एजेंट्स से हुई, जिनके संपर्क में आकर वह जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बना। उसे भारतीय आर्म्ड फोर्स से जुड़ी जानकारी जुटाने का टास्क दिया गया था। आईबी को पहले ही इनपुट मिला था कि ISI नेपाल के रास्ते एक ऑपरेटिव को भारत भेजने की योजना बना रही है। खुफिया इनपुट को विकसित करते हुए अंसारुल पर नजर रखी गई और 15 फरवरी को उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।

तिहाड़ जेल में बंद हैं ISI के दोनों आरोपी, हाई रिस्क वार्ड में कड़ी निगरानी

भारतीय सेना से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान भेजने के आरोप में गिरफ्तार अंसारुल मियां अंसारी और अखलाक आज़म इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई रिस्क वार्ड में बंद हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पर 24 घंटे सख्त निगरानी रखी जा रही है। अखलाक आज़म रांची का रहने वाला है और उसने अंसारुल को भारत में ISI के मिशन में सहयोग दिया था। स्पेशल सेल ने उसे अंसारुल की गिरफ्तारी के बाद गिरफ्तार किया। पूछताछ में अब तक किसी टेरर अटैक की योजना सामने नहीं आई है, लेकिन चार्जशीट पर संज्ञान के बाद इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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