Amritlal Nagar : पद्मभूषण अमृतलाल नागर का मनाया गया जन्मदिवस

Amritlal Nagar : पद्मभूषण अमृतलाल नागर का मनाया गया जन्मदिवस

Amritlal Nagar : संचित स्मृति ट्रस्ट और राजकीय विद्यालय मस्तेमऊ, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में पद्मभूषण अमृतलाल नागर का जन्मदिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

रिपोर्ट@ आलोक श्रीवास्तव

Amritlal Nagar : संचित स्मृति ट्रस्ट और राजकीय विद्यालय मस्तेमऊ, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में कल शाम पद्मभूषण अमृतलाल नागर के जन्मदिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन राजकीय विद्यालय मस्तेमऊ में किया गया। अमृतलाल नागर जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीपप्रज्वलन के उपरांत विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया तदोपरांत कहानियों के पाठन के क्रम में कु. कृतिका द्वारा “सती का ब्याह” कु. नाजरीन द्वारा “भारतपुत्र नोरंगी लाल” तथा कु. सोनाली रावत द्वारा कहानी शकीला की माँ का पठन किया गया।

अमृतलाल नागर की जीवनी

अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 को उत्तर प्रदेश के गोकुलपुरा में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ। पिता का नाम राजाराम नागर और माता का नाम विद्यावती नागर था। बाल्यकाल में ही कांग्रेस की वानर सेना के सक्रिय सदस्य बन गए थे और अँग्रेज़ सरकार विरोधी गतिविधियों में अपनी भूमिका निभाने लगे थे। आरंभिक शिक्षा-दीक्षा के बाद उन्होंने इतिहास, पुरातत्व और समाजशास्त्र का अध्ययन किया। अमृतलाल नागर को साहित्यिक संस्कार पारिवारिक वातावरण में प्राप्त हुआ। युवावस्था से ही सक्रिय लेखन की ओर मुड़ गए थे और इस क्रम में उनका पहला कहानी-संग्रह ‘वाटिका’ 1935 में ही प्रकाशित हो गया था।

इसे भी पढ़े – Lakhimpur News : जिलेभर के सीएचओ ने दिया सीएमओ को दिया ज्ञापन

उन्होंने एक स्वतंत्र लेखक और पत्रकार के रूप में कार्य-जीवन का आरंभ किया था। पहले कोल्हापुर से प्रकाशित होने वाले पत्र ‘चकल्लस’ का संपादन किया, फिर हिंदी सिनेमा में पटकथा-लेखन से जुड़ गए। उन्होंने कुछ वर्ष ऑल इंडिया रेडियो पर ड्रामा प्रोड्यूसर के रूप में भी कार्य किया। उस समय ऑल इंडिया रेडियो के सलाहकार मंडल में हिंदी साहित्य के भगवतीचरण वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, उदयशंकर भट्ट और पंडित नरेंद्र शर्मा जैसे महत्त्वपूर्ण साहित्यकार शामिल थे।

पद्म भूषण से सम्मानित

वह भारतीय जन नाट्य संघ, इंडो-सोवियत कल्चरल सोसाइटी, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, भारतेंदु नाट्य अकादमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान जैसी कई संस्थाओं के सम्मानित सदस्य रहे। उन्होंने मंच और रेडियों के लिए कई नाटकों का निर्देशन किया। भारत सरकार की ओर पद्म भूषण, ‘अमृत और विष’ के लिए साहित्य अकादेमी और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार के साथ ही वह अन्य कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए गए। उनकी कृतियों का अँग्रेज़ी, रुसी आदि विदेशी भाषाओं सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है।

इस अवसर पर वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश निगम वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अनिल मिश्रा, बंधु कुशवर्ती व राजेन्द्र वर्मा ने भी अपने व्यक्तव्य रखे तथा नागर जी के चरित्र से छात्र छात्राओं को परिचित करवाया। कार्यक्रम का संचालक विद्यालय की प्रधानाचार्या व लेखक कुसुम वर्मा ने किया। संयोजक अशोक बनर्जी ने उक्त अवसर पर कहा कि नई पीढ़ी को सकारात्मक रूप से नागर जी के साहित्य से जोड़ने का ये प्रयास सार्थक हुआ है जो आज ग्रामीण क्षेत्र के इस विद्यालय के बच्चे उनके साहित्य को आत्मसात कर उसका पाठन कर रहे हैं। संयोजक आलोक श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के अंत में सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

नवीनतम वीडियो समाचार अपडेट प्राप्त करने के लिए संस्कार न्यूज़ को अभी सब्सक्राइब करें

CATEGORIES
TAGS
Share This