East Ladakh border dispute: विदेश मंत्रालय की तरफ से बड़ी सूचना भारत और चीन के बीच हुआ बड़ा समझौता

East Ladakh border dispute: विदेश मंत्रालय की तरफ से बड़ी सूचना भारत और चीन के बीच हुआ बड़ा समझौता

East Ladakh border dispute: भारत के विदेश सचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ी जानकारी दी जिसमे उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर एक बड़ा समझौता हुआ है।

East Ladakh border dispute: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर एक बड़ा समझौता हो गया है। इस समझौते की जानकारी भारत के विदेश सचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। दोनों देशों के बीच यह समझौता सैन्य स्तर की वार्ता और कूटनीतिक चर्चाओं के परिणामस्वरूप हुआ है, जो पिछले कई महीनों से चल रही थी। समझौते का उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता बनाए रखना है, जो पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण बनी हुई थी।

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समझौते के मुख्य बिंदु

भारत और चीन के बीच हुए इस समझौते के तहत, दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के आस-पास से अपने-अपने सैनिकों की चरणबद्ध वापसी करने पर सहमति व्यक्त की है। इस प्रक्रिया के तहत पहले से तैनात भारी हथियारों और सैन्य ढांचे को हटाया जाएगा। इसके अलावा, दोनों देश विवादित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग को लेकर भी एक नई व्यवस्था पर सहमत हुए हैं, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की टकराव की स्थिति को रोका जा सके।

विदेश सचिव की टिप्पणी

भारत के विदेश सचिव ने इस समझौते को एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। उन्होंने यह भी बताया कि समझौते में शामिल प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाएगा ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति स्थापित हो सके। विदेश सचिव ने कहा, “यह समझौता केवल सैनिकों की वापसी से संबंधित नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच संवाद को और मजबूत करने का एक अवसर है, जिससे भविष्य में तनाव की संभावनाओं को कम किया जा सके।”

लद्दाख विवाद की पृष्ठभूमि

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच मई 2020 से तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में कई सैनिक शहीद हुए थे, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य संबंधों में तनाव और बढ़ गया था। हालांकि, तब से लेकर अब तक कई दौर की वार्ता हुई, जिनमें दोनों देशों ने सीमा पर शांति बहाली के प्रयास किए।

सैन्य और कूटनीतिक वार्ता का नतीजा

यह समझौता कई महीनों से चल रही सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं का परिणाम है। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने कई दौर की बैठकें कीं, जिनमें इस विवाद को सुलझाने के लिए संभावित विकल्पों पर चर्चा हुई। इसके अलावा, दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने भी कई स्तरों पर संवाद बनाए रखा।

निष्कर्ष

भारत और चीन के बीच हुआ यह समझौता पूर्वी लद्दाख में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा और सीमा विवाद के अन्य मुद्दों को हल करने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।

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