Farmers Protest: शंभू बॉर्डर बना किसानों के उग्र प्रदर्शन का केंद्र

Farmers Protest: शंभू बॉर्डर बना किसानों के उग्र प्रदर्शन का केंद्र

Farmers Protest: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर जमकर बवाल हुआ है। किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को टियर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस के हल्के बल प्रयोग के बीच अबतक 6 किसानों के घायल होने की खबर है। घायलों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।

Farmers Protest: पंजाब और हरियाणा की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर एक बार फिर किसानों के उग्र प्रदर्शन का केंद्र बन गया है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को यहां पर जमकर हंगामा किया। हालात इस कदर बिगड़ गए कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शन में अब तक छह किसानों के घायल होने की खबर है।

इसे भी पढ़े – U P News : बाबर संभल और बांग्लादेश की चर्चा कर CM योगी का विपक्ष पर तीखा हमला

क्यों भड़का प्रदर्शन?

प्रदर्शनकारी किसान सरकार से फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कर्ज माफी, और बिजली दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं। साथ ही, वे केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों का आरोप है कि ये कानून बड़े कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं और इससे उनकी आजीविका खतरे में आ जाएगी।

सीमेंट की दीवार और कंटीले तारों से रोका रास्ता

शंभू बॉर्डर पर पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। रास्तों को कंटीले तारों और सीमेंट की दीवारों से सील कर दिया गया। यह इंतजाम प्रदर्शनकारियों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने के लिए किए गए थे। लेकिन किसानों ने इस बाधा को पार करने की कोशिश की, जिससे तनाव और बढ़ गया।

आंसू गैस और पानी की बौछारें

प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की। किसानों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे स्थिति और भी हिंसक हो गई। किसानों का दावा है कि पुलिस ने उन पर बर्बरता से लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।

घायल किसान और प्रशासन का बयान

अब तक के घटनाक्रम में छह किसानों के घायल होने की पुष्टि हुई है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन का कहना है कि वे केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे और हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस प्रदर्शन ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश लोकतंत्र के खिलाफ है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया।

आगे की रणनीति

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। उन्होंने सरकार पर बातचीत में गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे राजधानी दिल्ली तक मार्च करेंगे।

स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में

शंभू बॉर्डर पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है। किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रख रहे हैं, लेकिन अगर उनकी आवाज को दबाया गया तो आंदोलन और तेज होगा।

आगे की स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। किसान अपनी जिद पर अड़े हैं, और सरकार भी सख्ती दिखा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गतिरोध का हल कैसे निकलता है।

नवीनतम वीडियो समाचार अपडेट प्राप्त करने के लिए संस्कार न्यूज़ को अभी सब्सक्राइब करें

CATEGORIES
TAGS
Share This