

Prime Minister’s Mudra Scheme : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने ₹33 लाख करोड़ रुपये के लोन से कैसे बदल दी आम आदमी की किस्मत, बनाया उद्यमी
Prime Minister’s Mudra Scheme : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुद्रा योजना के लाभार्थियों से संवाद किया, जिसमें कई प्रेरणादायक कहानियां सामने आईं। एक लाभार्थी बिंदु ने बताया कि उन्होंने 50 झाड़ू बनाने से अपने कारोबार की शुरुआत की थी। मुद्रा योजना ने ऐसे छोटे उद्यमियों को रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को आज 10 साल पूरे हो गए। यह योजना 8 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो पूंजी की कमी के कारण अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर पाते। मुद्रा योजना ने कोलेटरल-फ्री लोन प्रदान कर करोड़ों भारतीयों को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर दिया। इस योजना के तहत, लाखों उद्यमियों ने सरकार से लोन लेकर अपने कारोबार की शुरुआत की, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी, बल्कि उनकी जिंदगी भी बदल गई। मुद्रा योजना ने एंटरप्रेन्योरशिप के नए युग की नींव रखी है।
बिंदु की यूनिट में रोजाना बनते हैं 500 झाड़ू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की, जहां कई प्रेरणादायक कहानियां साझा की गईं। बिंदु, एक लाभार्थी, ने बताया कि उन्होंने 50 झाड़ू बनाने से अपने कारोबार की शुरुआत की थी और आज वह रोजाना 500 झाड़ू बनाने वाली यूनिट का नेतृत्व कर रही हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने नॉन-कॉर्पोरेट, नॉन-एग्रीकल्चरल, माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को संस्थागत लोन प्रदान कर इन्हें सपोर्ट किया है, जिससे लाखों छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला और वे आत्मविश्वास के साथ अपने व्यवसायों में सफलता पा रहे हैं।
32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से ज्यादा लोन सैंक्शन
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जो अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी, ने अब तक 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से अधिक लोन सैंक्शन किए हैं। इस योजना ने व्यापारिक वृद्धि को सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि छोटे शहरों और गांवों तक भी इसका प्रभाव फैलाया है। अब गांवों के लोग शहरों में नौकरी करने के बजाय अपने परिवार के साथ रहकर व्यापार शुरू कर रहे हैं, और इसी के साथ अन्य लोगों को रोजगार देने में भी मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने का अहम काम किया है।
2025 तक 30 लाख करोड़ के पार पहुंच सकता है एमएसएमई लोन
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एमएसएमई लोन वित्त वर्ष 2014 में ₹8.51 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में ₹27.25 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। रिपोर्ट में यह भी अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 तक यह ₹30 लाख करोड़ को पार कर सकता है। इस दौरान, बैंकों के कुल लोन में एमएसएमई लोन की हिस्सेदारी 15.8 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की बढ़ती अहमियत को दर्शाता है। एमएसएमई क्षेत्र की बढ़ती भूमिका से रोजगार और विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिए जाते हैं 4 तरह के लोन
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उद्यमियों को 4 तरह के लोन उपलब्ध कराए जाते हैं। शिशु कैटेगरी में 50 हजार रुपये तक, किशोर कैटेगरी में 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक, तरुण कैटेगरी में 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक और तरुण प्लस कैटेगरी में 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। तरुण प्लस लोन केवल उन उद्यमियों को मिलता है जिन्होंने तरुण कैटेगरी के तहत पहले लोन का पूरा भुगतान किया हो। यह योजना छोटे कारोबारियों के लिए एक अहम वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
मुद्रा लोन के लिए कैसे करें अप्लाई
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन के लिए आपको अपनी बैंक शाखा में जाकर आवेदन पत्र भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज़ अटैच करने होंगे। इसके बाद बैंक अधिकारी आपकी आवेदन और दस्तावेज़ों की जांच करेंगे। ऑनलाइन आवेदन के लिए बैंक की वेबसाइट पर जाकर मुद्रा योजना का फॉर्म डाउनलोड करें, सभी विवरण भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें। आवेदन पूरा होने पर आपको एक रेफरेंस आईडी मिलेगी, और इसके बाद बैंक द्वारा लोन राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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