Neza Fair : ‘नेजा मेला’, हर तरफ क्यों हो रहा विरोध? संभल के बाद बहराइच में भी हुई रोक

Neza Fair : ‘नेजा मेला’, हर तरफ क्यों हो रहा विरोध? संभल के बाद बहराइच में भी हुई रोक

Neza Fair : संभल के बाद अब बहराइच और मुरादाबाद में भी ‘नेजा मेला’ के आयोजन पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है। यह मेला सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर आयोजित किया जाता है, लेकिन धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव को लेकर इसके खिलाफ विरोध हो रहा है। प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे रोकने पर विचार किया है।

Neza Fair : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में ‘नेजा मेला’ पर रोक लगा दी गई है। यह मेला सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर आयोजित होता रहा है, लेकिन इस बार स्थानीय पुलिस प्रशासन ने इसे आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है। संभल के एसएसपी श्रीशचंद्र ने मेला कमेटी से कहा, “भारत में लूटमार और कत्लेआम मचाने वाले विदेशी आक्रांता के नाम पर कोई मेला नहीं होगा।” ‘नेजा मेला’ को लेकर विभिन्न स्थानों पर विरोध हो रहा है। संभल के बाद बहराइच और मुरादाबाद में भी इस मेला पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है।

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कौन हैं सैयद सालार मसूद गाजी?

सैयद सालार मसूद गाजी, महमूद गजनवी के भांजे और एक कुख्यात सैन्य कमांडर के रूप में प्रसिद्ध हैं। महमूद गजनवी, जो भारतीय उपमहाद्वीप में आक्रमण करने के लिए बदनाम थे, ने 1000 से 1027 तक भारत में 17 बार आक्रमण किए थे, और कहा जाता है कि उन्होंने सोमनाथ मंदिर सहित कई प्रमुख हिंदू मंदिरों को नष्ट किया।

सैयद सालार मसूद गाजी (10 फरवरी 1014 – 15 जून 1034) को गाजी मियां के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें धार्मिक व्यक्तित्व के रूप में भी पूजा जाता है। उनकी जीवनी “मीरात-ए-मसूदी” नामक पुस्तक में वर्णित है, जिसे अब्दुर्रहमान चिश्ती ने 1620 के दशक में लिखा था। इस पुस्तक में उन्हें गजनवी साम्राज्य के सम्राट महमूद गजनवी का भतीजा बताया गया और कहा गया कि उन्होंने भारत में कई सैन्य अभियानों में भाग लिया। हालांकि, गजनवी इतिहासकारों ने उनके बारे में कोई विशेष उल्लेख नहीं किया, और इस पुस्तक को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से संदिग्ध माना जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से संतों के जीवन पर आधारित एक हजियाग्रंथ है।

हिंदू संगठनों का विरोध: सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेला नहीं होना चाहिए

हिंदू संगठनों ने सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर ‘नेजा मेला’ आयोजित करने का विरोध किया है। उनका कहना है कि सैयद सालार मसूद गाजी ने भारत पर कई बार आक्रमण किया और सोमनाथ मंदिर को लूटा था। ऐसे व्यक्ति की याद में मेला आयोजित करना अनुचित है, और इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। संगठनों ने प्रशासन से मेला रोकने की अपील की है।

संभल में ‘नेजा मेला’ पर रोक, जिला प्रशासन ने दी सफाई

संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में हर साल होली के बाद तीन दिनों तक ‘नेजा मेला’ आयोजित किया जाता था, जो एक पुरानी परंपरा है। इस आयोजन पर पहले भी आपत्ति जताई जा चुकी थी। इस वर्ष 18 मार्च को मेला का झंडा गाड़ने और 25, 26, 27 मार्च को मेला आयोजित करने की योजना थी। हालांकि, अब संभल जिला प्रशासन ने इस मेला पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह लुटेरों और आक्रांता के नाम पर किसी भी प्रकार के आयोजन को मंजूरी नहीं देगा। इस निर्णय के बाद मेला कमेटी और स्थानीय लोग विरोध जता रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा और धार्मिक संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।

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