Laos Visit : प्रधानमंत्री का लाओस दौरा जहाँ उन्होंने देखा “रामायण का लाओ संस्करण”

Laos Visit : प्रधानमंत्री का लाओस दौरा जहाँ उन्होंने देखा “रामायण का लाओ संस्करण”

Laos Visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से लाओस की यात्रा पर हैं। यहां उन्होंने भारत की सदियों पुरानी विरासत का हिस्सा बने रामायण के लाओ संस्करण की प्रस्तुति देखी।

Laos Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में अपने लाओस दौरे के दौरान “रामायण का लाओ संस्करण” देखने का अवसर प्राप्त किया। यह कार्यक्रम लाओस की सांस्कृतिक धरोहर को समझने और भारत-लाओस के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूती देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। रामायण की यह प्रस्तुति भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के गहरे सांस्कृतिक संबंधों की प्रतीक है, जो सदियों से दोनों देशों की साझा धरोहर का हिस्सा रही है।

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लाओस में रामायण एक सांस्कृतिक पुल

लाओस में रामायण को “फ्रा लक फ्रा लाम” के नाम से जाना जाता है। यह रामायण का लाओ संस्करण है, जो भारत से प्राचीन काल में लाओस पहुंचा और वहां के स्थानीय परंपराओं के साथ मिलकर विकसित हुआ। यह कथा न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि लाओस की सांस्कृतिक पहचान और लोककथाओं में भी गहराई से जुड़ी है। लाओस के रामायण संस्करण में भारतीय पौराणिक कथाओं के मूल तत्वों को बरकरार रखते हुए स्थानीय लाओ परंपराओं और रीति-रिवाजों का समावेश किया गया है।

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

पीएम मोदी ने “फ्रा लक फ्रा लाम” की प्रस्तुति देखने के बाद इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसे भारत और लाओस के बीच सांस्कृतिक धरोहर का एक जीवंत प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “रामायण न केवल भारत की, बल्कि पूरी दक्षिण-पूर्व एशिया की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तरह की प्रस्तुति हमें याद दिलाती है कि कैसे कला और संस्कृति सदियों से लोगों को जोड़ते आए हैं।”

सदियों पुरानी विरासत

रामायण की कथा लाओस में सदियों पहले भारतीय व्यापारियों, भिक्षुओं और शासकों के साथ पहुंची थी। बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ रामायण की यह कथा दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में लोकप्रिय हो गई, जहां इसे विभिन्न रूपों में प्रस्तुत किया जाता है। लाओस में रामायण की कथा को धार्मिक अनुष्ठानों, नृत्य, नाटक और लोकगीतों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।

फ्रा लक फ्रा लाम की विशेषता यह है कि इसमें रामायण के प्रमुख पात्रों जैसे राम, सीता, और रावण के अलावा स्थानीय पात्रों को भी जोड़ा गया है। इसमें लाओस की संस्कृति और रीति-रिवाजों का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है, जो इसे विशिष्ट बनाता है।

भारत-लाओस संबंध

लाओस में रामायण की उपस्थिति भारत और लाओस के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की पुष्टि करती है। पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने का एक प्रयास है, जो इस साझा धरोहर पर आधारित है।

इस प्रकार, रामायण का लाओ संस्करण न केवल लाओस की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, बल्कि यह भारत और लाओस के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों की एक जीवंत मिसाल भी है।

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