World Health Organization : WHO की रिपोर्ट हर वर्ष 60 करोड़ लोग खाने से हो रहे बीमार 4.2 लाख लोगो की मृत्यु

World Health Organization : WHO की रिपोर्ट हर वर्ष 60 करोड़ लोग खाने से हो रहे बीमार 4.2 लाख लोगो की मृत्यु

World Health Organization : WHO के आंकड़ों के अनुसार, दूषित भोजन के कारण मरने वालों में बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। हर साल दूषित भोजन के कारण लगभग 1.25 लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है। खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखा जाता है।

World Health Organization : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने हाल ही में एक चिंताजनक जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि हर साल दुनिया भर में 60 करोड़ लोग दूषित या खराब भोजन के सेवन के कारण बीमार पड़ते हैं, जबकि इनमें से 4.2 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह आंकड़ा खाद्य सुरक्षा से जुड़ी एक गंभीर समस्या की ओर संकेत करता है, जिसके कारण दुनिया भर में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बनती जा रही है।

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दूषित भोजन का प्रभाव

WHO के अनुसार, दूषित भोजन का सेवन न केवल बीमारियों का कारण बनता है, बल्कि यह कई बार घातक साबित होता है। दूषित भोजन में बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी, या हानिकारक केमिकल होते हैं, जो मानव शरीर में गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं। कई बार यह बीमारियां इतनी गंभीर हो जाती हैं कि लोगों की मौत हो जाती है। इन बीमारियों में डायरिया, टाइफॉइड, हेपेटाइटिस, और अन्य खाद्य जनित संक्रमण शामिल हैं।

गरीब और विकासशील देशों पर प्रभाव

खराब भोजन से उत्पन्न होने वाली बीमारियों का सबसे ज्यादा असर गरीब और विकासशील देशों में देखा जाता है, जहां स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर होती हैं और लोगों तक स्वच्छ भोजन की पहुंच कम होती है। ऐसे देशों में स्वच्छता की कमी, असुरक्षित पानी की उपलब्धता और जागरूकता की कमी भी दूषित भोजन के खतरे को और बढ़ाती है।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

स्वास्थ्य पर असर डालने के साथ ही, खराब भोजन के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लोग बीमार पड़ते हैं, काम करने की क्षमता घटती है और स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च से आर्थिक नुकसान होता है। WHO के महानिदेशक ने कहा कि यह न केवल स्वास्थ्य का मुद्दा है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा, मानवाधिकार, और सतत विकास का भी मामला है।

समस्या का समाधान

WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने खाद्य सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकारों, उद्योगों, और उपभोक्ताओं को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा। खाद्य उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण, और वितरण के हर चरण में सतर्कता और उच्च मानकों का पालन आवश्यक है। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को भी जागरूक किया जाना चाहिए कि वे ताजे और स्वच्छ भोजन का ही चयन करें और खाने से पहले उचित स्वच्छता सुनिश्चित करें।

WHO की पहल

WHO दूषित भोजन से संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत लोगों को स्वच्छ भोजन के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है और सरकारों को भी खाद्य सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इस तरह के प्रयासों से ही दूषित भोजन के कारण हो रही बीमारियों और मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। WHO ने सभी देशों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें और अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं।

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