Ravi Prakash : लंग कैंसर मरीजों की आवाज़ बने पत्रकार रवि प्रकाश का निधन

Ravi Prakash : लंग कैंसर मरीजों की आवाज़ बने पत्रकार रवि प्रकाश का निधन

Ravi Prakash : जाने-माने पत्रकार और लंग कैंसर के मरीजों के लिए संघर्ष करने वाले रवि प्रकाश का बुधवार को निधन हो गया।

Ravi Prakash : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रवि प्रकाश के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, “ज़िंदादिल इंसान हमेशा अमर रहते हैं। आप बहुत याद आएंगे रवि भाई…” लेकिन पिछले कुछ सालों से वे लंग कैंसर से जूझ रहे थे। 52 वर्षीय रवि ने न सिर्फ अपने इलाज के दौरान बीमारी से संघर्ष किया, बल्कि इस रोग से पीड़ित मरीजों के अधिकारों और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी आवाज़ उठाई।

लंग कैंसर के खिलाफ लड़ाई

रवि प्रकाश ने अपने कैंसर निदान के बाद, लंग कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके इलाज से जुड़े मुद्दों को उजागर करने के लिए अपनी पत्रकारिता के अनुभव का इस्तेमाल किया। उन्होंने सोशल मीडिया और अपने लेखों के माध्यम से न केवल इस घातक बीमारी से जुड़े तथ्यों को सामने रखा, बल्कि इसकी रोकथाम और इलाज से संबंधित संसाधनों की कमी को भी जनता के सामने लाया।

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उन्होंने लंग कैंसर के मरीजों को सही समय पर उपचार मिलने की महत्ता पर जोर दिया और कैंसर के इलाज की बढ़ती लागत और मुश्किलों पर भी ध्यान खींचा। रवि ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए मरीजों को बेहतर इलाज, दवाओं की सुलभता, और वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के लिए कई अभियान चलाए।

सहकर्मियों और मित्रों की श्रद्धांजलि

रवि प्रकाश के निधन की खबर से मीडिया जगत और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके सहकर्मियों और दोस्तों ने उन्हें एक संवेदनशील और निष्ठावान पत्रकार के रूप में याद किया, जिन्होंने पत्रकारिता को समाज की सेवा के एक माध्यम के रूप में देखा। एक सहकर्मी ने कहा, “रवि ने हमेशा कमजोर वर्गों की आवाज़ को उठाने का काम किया। अपने संघर्ष के दौरान भी उन्होंने कैंसर मरीजों के लिए लगातार प्रयास किए, जो एक प्रेरणा है।”

परिवार के प्रति संवेदना

रवि प्रकाश अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। उनके परिवार ने कहा कि रवि ने अंत तक अपनी बीमारी से बहादुरी से लड़ाई लड़ी। उन्होंने परिवार और दोस्तों के प्रति आभार जताते हुए कहा, “रवि ने अपने जीवन के अंतिम समय तक दूसरों की मदद करने की कोशिश की। वह हमेशा दूसरों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।”

निष्कर्ष

रवि प्रकाश का निधन पत्रकारिता और कैंसर से लड़ने वाले मरीजों के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम समय में भी समाज के लिए काम किया और लंग कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका संघर्ष और योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

पुरस्कार से सम्मानित

इसी महीने रवि प्रकाश को वर्ल्ड लंग कैंसर कांफ़्रेंस (डब्ल्यूसीएलसी-2024) में पेशेंट एडवोकेट एजुकेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। ये पुरस्कार समारोह अमेरिका के सैन डिएगो में सात सितंबर से शुरू हुआ था। इस साल ये पुरस्कार पाने वाले वह भारत के इकलौते व्यक्ति थे।

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