Golden Price : 2024-25 में सोने की ज्वैलरी की मांग में 18% उछाल ICRA रिपोर्ट

Golden Price : 2024-25 में सोने की ज्वैलरी की मांग में 18% उछाल ICRA रिपोर्ट

Golden Price : ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में भारत में सोने की ज्वैलरी की खरीद में 18% की वृद्धि की उम्मीद है। त्योहारी सीजन, शादियों की बढ़ती संख्या और मजबूत उपभोक्ता भावना इस उछाल के मुख्य कारण बताए गए हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों की बढ़ती आय भी मांग को बढ़ावा देगी।

Golden Price : भारतीय रेटिंग एजेंसी ICRA की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत में सोने की ज्वैलरी की मांग में लगभग 18% की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह उछाल उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, त्योहारों और शादियों के सीजन की मजबूत मांग, और आर्थिक स्थिरता के चलते देखने को मिल सकता है।

सोने की खरीदारी में उछाल के कारण

ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सोना केवल एक गहना नहीं, बल्कि निवेश और परंपरा का भी प्रतीक है। 2024-25 में इस क्षेत्र में मांग बढ़ने के पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

आर्थिक सुधार और बढ़ती आय

कोविड-19 महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं की आय और खर्च करने की क्षमता में वृद्धि हुई है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में यह सकारात्मक बदलाव देखा गया है।

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शादी और त्योहारों का महत्व

भारत में शादियों और त्योहारों के दौरान सोने की ज्वैलरी खरीदना शुभ माना जाता है। आगामी सीजन में बढ़ते आयोजनों और परंपरागत मांग के चलते ज्वैलरी की बिक्री में उछाल की संभावना है।

कीमतों में स्थिरता

सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में स्थिरता और भारतीय बाजार में सोने पर आयात शुल्क में कोई बड़ी बढ़ोतरी न होने से उपभोक्ताओं को सोने की खरीदारी का मौका मिलेगा।

निवेश का माध्यम

महंगाई और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता के कारण सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है। यह भी मांग बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण है।

ज्वैलरी उद्योग के लिए अच्छा समय

ICRA के अनुसार, ज्वैलरी उद्योग में यह उछाल न केवल व्यापारियों और निर्माताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। भारत का ज्वैलरी उद्योग विश्व में दूसरे स्थान पर है और यह GDP का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इसके अलावा, डिजिटल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ज्वैलरी खरीदारी का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म ने छोटे और बड़े ब्रांडों को उपभोक्ताओं तक पहुंचने का एक नया माध्यम दिया है।

रिपोर्ट में संभावित चुनौतियां

हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद कुछ चुनौतियां भी संभावित हैं:

  • सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव
  • अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में अचानक वृद्धि होती है, तो उपभोक्ता मांग प्रभावित हो सकती है।
  • आयात शुल्क में बदलाव
  • अगर सरकार सोने पर आयात शुल्क बढ़ाती है, तो इससे ज्वैलरी की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे मांग में कमी आ सकती है।
  • फिनटेक और अन्य निवेश विकल्पों का प्रभाव
  • युवाओं के बीच अन्य निवेश विकल्पों, जैसे म्यूचुअल फंड्स और क्रिप्टोकरेंसी, का आकर्षण ज्वैलरी खरीदारी में कमी ला सकता है।

उपसंहार

2024-25 में सोने की ज्वैलरी की मांग में 18% वृद्धि की संभावना न केवल भारतीय उपभोक्ता व्यवहार और परंपराओं को दर्शाती है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है। अगर बाजार स्थिर रहा और सरकार ने सहायक नीतियां लागू कीं, तो भारतीय ज्वैलरी उद्योग के लिए यह समय लाभकारी साबित हो सकता है।

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