Mark Zuckerberg : मार्क जुकरबर्ग से मेटा ने चुनाव’ को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर मांगी माफी

Mark Zuckerberg : मार्क जुकरबर्ग से मेटा ने चुनाव’ को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर मांगी माफी

Mark Zuckerberg : मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष (सार्वजनिक नीति) शिवानंद ठुकराल ने मार्क जुकरबर्ग के इस बयान के लिए माफी मांगी है।शिवानंद ठुकराल ने कहा, “प्रिय माननीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मार्क का यह अवलोकन कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा दलों को फिर से नहीं चुना गया, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के लिए नहीं. हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा चाहते हैं।

Mark Zuckerberg : मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा की गई एक विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांगी है, जिसमें उन्होंने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक संवेदनशील बयान दिया था। यह टिप्पणी हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान जुकरबर्ग ने की थी, और इसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं थीं।

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जुकरबर्ग ने बैठक के दौरान कहा था, “हमने 2020 के चुनाव में बहुत कुछ सीखा, और 2024 के चुनाव के लिए हम पहले से तैयार हैं। हम पहले से ही कई सुरक्षा उपायों और निगरानी प्रणाली को लागू कर रहे हैं ताकि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोई भी कोशिश न हो।” इस बयान का संदर्भ था कि मेटा अगले चुनाव में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गलत जानकारी फैलाने और बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है।

हालांकि, जुकरबर्ग के इस बयान से संबंधित टिप्पणियां इस संदर्भ में उठीं कि मेटा ने पहले ही 2020 के चुनाव में सुरक्षा को लेकर गंभीर कमियां दिखाई थीं। उस समय फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर राजनीतिक विज्ञापनों का दुरुपयोग, गलत जानकारी फैलने और विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लगे थे। इसके बाद मेटा ने कई सुधारात्मक कदम उठाए थे, लेकिन इस मुद्दे को लेकर लगातार आलोचना होती रही है।

संबंधित बयान के बाद, मेटा के प्रवक्ता ने एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें जुकरबर्ग की टिप्पणी को “गलत तरीके से प्रस्तुत” किया गया और इसके लिए कंपनी ने खेद व्यक्त किया। प्रवक्ता ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे प्लेटफार्मों पर किसी भी प्रकार का गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा, और चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनी रहे। हम अपने प्रयासों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इसके अलावा, मेटा ने यह भी कहा कि 2024 के चुनावों के लिए कंपनी ने कई नई सुरक्षा सुविधाएं और उपकरण तैयार किए हैं, जिनमें चुनावी जानकारी की सत्यता की जांच और शत्रुतापूर्ण प्रचार सामग्री पर कड़ी निगरानी शामिल है। कंपनी का यह भी मानना ​​है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है।

यह विवाद मेटा की चुनावी सुरक्षा और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर गलत सूचना से निपटने की निरंतर कोशिशों के बीच उभरकर सामने आया है। ऐसे में, सोशल मीडिया कंपनियों पर बढ़ती निगरानी और जवाबदेही के दबाव के बीच मेटा की यह माफी और बयान को कई विश्लेषकों द्वारा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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