Madarsa के छात्रों में छुपी प्रतिभा को हमें पहचानना होगा : प्रो. अयाज़ अहमद इस्लाही

Madarsa के छात्रों में छुपी प्रतिभा को हमें पहचानना होगा : प्रो. अयाज़ अहमद इस्लाही

तलबा मदारिस के दरमियान बहुत से मदरसे (Madarsa) के छात्रों की प्रतिभा छिपी रहती हैं जिनको वक्त पर पहचान कर उनको आगे बढ़ाना हम सब की जिम्मेदारी है – प्रो. अयाज़ अहमद इस्लाही

लखनऊ। (Madarsa) मदारिस ए इस्लामिया मिल्लत कि अमानत और कयादत को तैयार करने का एक ज़ीना है। तलबा मदारिस आने वाले वक्त में मुल्क और मिल्लत की कयादत का अज़ीम फरीज़ा अंजाम देंगे। लिहाजा उनकी क्षमताओं को जिस कदर उजागर करके उसमें शक्ति पैदा की जाएगी वह हम सबके लिए और खास तौर पर मुल्क और मिल्लत के लिए फायदेमंद और बेहतर होगा।

तलबा मदारिस के दरमियान क्षमताएं बहुत छिपी रहती हैं जिनका वक्त पर ज़ाहिर करना उनको पहचान कर उसी तरफ उनको आगे के लिए बढ़ाना और समय समय पर उनके सही मार्ग का दर्शन करना यह हम सब की जिम्मेदारी है लिहाजा हम सब का फर्ज है कि हम (Madarsa) तलबा मदारिस की रचनात्मक छमताओं को पहचानते हुए उनकी रहनुमाई करें और आने वाले वक्त के लिए उनको रहनुमा के तौर पर तैयार करें।

प्रोफेसर अयाज अहमद इस्लाही अरबी विभाग लखनऊ विश्विद्यालय ने कैरियर गाइडेंस वर्कशॉप दारुल इस्लाम मौलवीगंज में तलबा मदारिस से खिताब किया। एस आई ओ यू पी सेंट्रल ने ये प्रोग्राम करवाया, प्रोग्राम में कई शिक्षा विभाग पर चर्चा की गई। तौर पर (Madarsa) तलबा मदारिस की छमताओं को उजागर करने के लिए उनको भविष्य में किस तरीके से उनकी अच्छे तरीके से रहनुमाई की जा सकती है उसकी जानकारी दी गई, खास तौर पर कानून इसी तरह सिविल सर्विसेज और बहुत से विभाग में मदारिस के तल्बा अपनी शिक्षा मुकम्मल करके किस तरीके से आगे जाकर उच्च शिक्षा हासिल कर सकते हैं और मुल्क और मिल्लत के लिए मुफीद हो सकते हैं इस बारे में तलबा की रहनुमाई की गई।

तलबा मदारिस
Madarsa

(Madarsa) तलबा मदारिस की मुनासिब रहनुमाई की जाए

एडवोकेट नज्म उस साकिब खान और डॉक्टर सुमामा फैसल मेहमान ए खुसूसी के तौर पर प्रोग्राम में शरीक रहे मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर सुमामा ने अपनी तकरीर में तलबा मदारिस को मिल्लत ए इस्लामिया का सरमाया और मुल्क का मुहाफिज करार देते हुए कहा कि ये ही तलबा जब आने वाले दिनों में मिल्लत के रहनुमा बनकर सामने आएंगे तो कौम को इस मुश्किलात का हल निकालेंगे। आने वाला वक्त क्योंकि मिल्लत और मुल्क के लिए मुश्किल हो सकता है लिहाजा उसके रहनुमाओं के लिए भी जरूरी है कि उनकी तरबियत और उनकी रहनुमाई उच्च दर्जे से की जाए लिहाजा आज के दौर में जरूरी है कि तलबा मदारिस की मुनासिब रहनुमाई की जाए और अच्छा रास्ता दिखाया जाए।

बहुत से तलबा ऐसे होते हैं जो अपनी क्षमताओं को नहीं पहचान पाते और वह अपनी क्षमताओं को बाहर नहीं निकाल पाते जिसकी वजह से वह इस तरक्की की दौड़ में पीछे रह जाते हैं तो आज मिल्ली तंजीमो की जिम्मेदारी है कि वह आगे जाकर उन बच्चों की रहनुमाई करें।

पत्रकारिता में तल्बा मदारिस के लिए बहुत अच्छे मौके हैं

डॉक्टर सुमामा फैसल ने एस आई ओ यू पी सेंट्रल और उनके साथियों को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि यह एक अच्छा कदम है जो एस आई ओ ने उठाया है और इसके मजबूत परिणाम सामने आएंगे इस मौके पर वर्णन करते हुए यू एन आई के पत्रकार इरशाद अहमद वली ने बताया की पत्रकारिता में तल्बा मदारिस के लिए बहुत अच्छे मौके हैं। मदारिस के तल्बा जब सहाफत के विभाग में जाते हैं तो वह अपनी सलाहियतों का लोहा मनवाते हैं जिसकी कई मिसाल मुल्क में मौजूद है।

तलबा मदारिस यूनानी के मैदान में भी अपनी क्षमताओं का लोहा मनवा सकते हैं

तलबा को चाहिए कि वह अपनी छमाताओं को इस विभाग में आकर जिस तरीके की रहनुमाई की जरूरत हो एस.आई ओ के लीडर्स से हासिल करें फखरुल इस्लाम ने डॉक्टरी के बारे में बताते हुए कहा कि यह विभाग बहुत फायदेमंद है मदारिस के तल्बा के लिए क्योंकि उर्दू और अरबी से वाकिफ होते हैं इसलिए यूनानी मैदान में अपनी क्षमताओं को जाकर मनवा सकते हैं और एक बड़ी तादाद मदारिस के बच्चो की है जो अभी भी यूनानी में अपनी खिदमत अंजाम दे रही है लिहाजा बहुत आसानी के साथ उसमें दाखिला ले सकते हैं और अपनी उच्च शिक्षा हासिल कर सकते हैं।

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सिविल सर्विसेज की तैयारी के सिलसिले में खिताब करते हुए आसिम जमाल ने कहा कि सिविल सर्विसेज का एक एक बहुत बड़ा मैदान है जिसके तहत मुख्तलिफ विभाग में नियुक्ति होती है मदारिस के तलबा के अंदर वह छमता होती है जो उसके परीक्षा को को क्रैक कर सकते हैं यानी उसके परीक्षा में कामयाबी हासिल कर सकते हैं और बहुत से तलबा मदारिस ने इस मैदान में आकर अपना नुमाया नाम मुल्क और मिल्लत के सामने रोशन किया है और हमें चाहिए कि हम मदारिस में रहते हुए अपने करियर का चयन कर ले और उस तरफ किसी मुनासिब रहनुमा की रहनुमाई में हम अपना करियर तलाश करें।

(Madarsa) मदारिस के लोगों ने मुल्क को आजाद कराया था

आखिर में गुफ्तगू करते हुए सदरे अलका एस आई ओ यूपी सेंट्रल राफ़े इस्लाम ने कहा कि मदारिस मिल्लत इस्लामिया के लिए किले की हैसियत रखते हैं एक वक्त तथा जब मुल्क को आजादी की जरूरत पड़ी थी तो ये ही मदारिस के लोगों ने मुल्क को आजाद कराया था किसी भी किस्म की मुश्किल और परेशानी के हल के लिए की जब जरूरत हुई तो तलबा मदारिस ही ने आगे आकर मिल्लत की रहनुमाई का अज़ीम काम अंजाम दिया, आने वाले वक्त में ये ही तलबा जो आज मदारिस में तालिब इल्म है कल हमारे लीडर होंगे।

जमात ए इस्लामी हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मोहतरम डॉक्टर मलिक फैसल फलाही आखिर में आखरी नसीहत के तौर पर अपने खिताब में तलबा मदारिस से अपील करते हुए कहा कि वह अपने आप को मुख्तलिक मैदानों की तरफ आएं वह सिर्फ एक महत्व दायरे में अपनी छमाताओं को ना समेट लें बल्कि हर जानिब मुल्क और मिल्लत का नौजवान उनकी लीडरशिप चाहता है वह ये बात को जानकर अपनी छमताओं को और बढ़ाएं।

डॉक्टर मलिक फैसल फलाई ने विनती करते हुए कहा की मिल्लत इस्लामिया को नौजवान जो मदारिस के फारिग हों उनकी जरूरत है वह जब आगे आएंगे तो मिल्लत ए इस्लामिया की लीडरशिप सही तौर पर अंजाम दे पाएंगे आज तलबा अपनी छमता को अच्छे से परवान चढ़ाएं और आगे आकर मिल्लते इस्लामिया को संभाले प्रोग्राम में खास तौर पर अली नईम राज़ी,अमजद फलाही, नोफिल मेराज,राशिद फलाही मौजूद रहे।

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