परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ 116वे उर्स का अगाज़

परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ 116वे उर्स का अगाज़

सूफी संत हजरत ख़्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर अदा की गई परचम कुशाई (Parcham kushai) की रस्म, शुरू हुई 116 वें उर्स की तैयारियां

लखनऊ। सूफी संत हजरत ख़्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के116वें वार्षिक उर्स का आगाज़ सोमवार को पारंपरिक रस्म परचम कुशाई (Parcham kushai) के साथ शुरू हो गया है।

परचम का अर्थ है झंडा लहराना ये रिवायत इस्लाम धर्म मे पुराने दौर से देखने को मिलती चली आ रही है। जब भी किसी प्रोग्राम का आयोजन किया जाता था तो उसकी ख़बर आम लोगो तक पहुंचाने के लिए परचम (झंडे) का ही इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए की उस दौर मे उसके अलावा और कोई दूसरा ज़रिया नही था। ये रिवायत ज़माने के साथ साथ आगे बढ़ती रही, यहाँ तक की ज़राये हो जाने के बाद भी ये रिवायत ख़त्म नही हुई बल्कि उसी तरह से कायम है।

रबीउल अव्वल शरीफ की पहली तारीख़ को मनाया जाता है परचम कुशाई

सूफी संत हजरत ख़्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के उर्स से पहले हुज़ूर सल्लाहो अलैहे वसल्लम की पैदाइश वाले महीने यानी रबीउल अव्वल शरीफ की पहली तारीख़ को दरगाह दादा मियां, ख़ानक़ाह शाहे रज़ा माल एयून्यू लखनऊ में परचम कुशाई का प्रोग्राम होता है।

Parcham kushai
परचम कुशाई

दादा मियां के 116वें उर्स की सभी तैयारियां शुरू

सोमवार को परंपरागत ढंग से परचम कुशाई की रस्म के साथ आगामी 8 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2023 तक होने वाला हजरत ख़्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के 116वें उर्स की सभी तैयारियां शुरू हो गई हैं।

हर साल की तरह इस साल भी सूफी नूर मोहम्मद फसाहती कानपुर से अपने मुरीदो के साथ परचम लेकर आए जो की हज़रत ख़्वाजा मोहम्मद सबाहत हसन शाह सज्जादा नशीन दरगाह दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के मुबारक हाथों से लगाया गया।

परचम कुशाई से पहले महफिले समा का आयोजन हुआ जिसमें कव्वालो ने सूफियाना कलाम पेश किया, इससे पहले मस्जिद शाहे रज़ा के इमाम कारी अनवर ने परचम कुशाई के महत्व के बारे में लोगों को बताया।

सज्जादानशीन मोहम्मद सबाहत हसन शाह ने रबीउल अव्वल की मुबारकबाद दी

इस अवसर पर दरगाह दादा मियां के सज्जादानशीन हज़रत मोहम्मद सबाहत हसन शाह ने खुशी का इज़हार करते हुए माहे रबीउल अव्वल की मुबारकबाद पेश की और शासन व प्रशासन तथा पत्रकार बंधुओ से अपील भी की, कि वे उर्स के सभी कार्यक्रमों में अपना पूरा सहयोग देने की कृपा करें जिससे कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक कहे जाने वाली दरगाह दादा मियां में उर्स का आयोजन सही ढंग से हो सके।

हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह अलमारूफ दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के 116वें उर्स को संस्कार न्यूज़ के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/@SanskarNewsChannel पर लाइव दिखाया जायेगा।

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