Love Jihad : लव जिहाद के मसले में इकरा हसन का बयान

Love Jihad : लव जिहाद के मसले में इकरा हसन का बयान

Love Jihad : कैराना सांसद इकरा हसन ने बयान में बताया कि बीजेपी सरकार केवल धर्म की राजनीति करती है। इसलिए नागरिक मामला में हमेशा सरकार दखलंदाज़ी करती रहती । जो देश के लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।

Love Jihad : उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 पारित हुआ। संशोधित अधिनियम में छल कपट या ज़बरन कराये गये धर्मपरिवर्तन के मामलों में कानून को पहले से बना हुआ है। जिसकी सजा आजीवन कारावास या पांच लाख रुपये के जुर्माना रखा गया है। जिस कानून पर कैराना की सांसद इकरा हसन ने अपना बयान दिया है।

इसे भी पढ़े – UGC NET : UGC NET की परीक्षा की निकली डेट शेड्यूल हुआ जारी

नए कानून पर सांसद इकरा हसन ने बीजेपी सरकार को तंज करते हुए बोला कि ये सरकार केवल धर्म की राजनीति करना जानती है। इसलिए नागरिक मामले में सरकार की दखलंदाज़ी बहुत रहती है। जो लोकतत्र के लिए खतरे की बात है। उन्होंने कहा, जब विषय पहले से ही समाज में है और हमारे क्षेत्र में भी कई ऐसी वारदात हुई हैं इसको लेकर पहले से ही इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून मौजूद है।

सरकार की दखलंदाज़ी

इकरा हसन ने एक इंटरव्यू में बताया कि, अगर दो एडल्ट पर्सन अपनी मर्जी से एक साथ है तो इसमें सरकार के बोलने का कोई राइट नहीं है। अगर दो एडल्ट अपनी मर्जी से संविधान द्वारा बनाये गए अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे तो इसमें सरकार की दखलंदाज़ी कहा से आ गयी। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर गलत चीज़ का कानून पहले से बना हुआ है।

लव जिहाद का मामला

समाज में इस तरह की राजनीति करना गलत है। किसी चीज़ को गलत तरीके से फैलाना गलत बात है। देश के कानून में पहले से ही स्पेशल मैरिज एक्ट बनाया गया है। अगर इंटर कास्ट इंटर फेथ मैरिज होते हैं उसके लिए यह बनाई गई है.भाजपा सरकार हमेशा भेदभाव की राजनीति करती है। उन्होंने कहा, ये सामाजिक विषय है। जिसे धर्म की नजर से नहीं देखना चाहिए। अगर कोई अपना धर्म बदलना चाहता है तो उसका खुद का फैसला होता है।

संविधान से इसका कोई मतलब नहीं है। ये बच्चो का स्वयं का फैसला होता है कि उनको किससे शादी करनी है किससे नहीं। और कोई अगर धर्म परिवर्तन करके शादी करना चाहता है तो यह तो अलग विषय है। आपको शादी करनी है कि नहीं ये आपकी स्वयं की फ्रीडम है जिसका डिटेल संविधान में है सरकार इसी फ्रीडम को हटाना चाह रही है। प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार होना चाहिए कि अपना जीवन कैसे गुजारना चाहता है क्या खाना चाहता है उसका पहनावा या फिर अपने साथी को चुनने का अधिकार है । क्योंकि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है जहाँ सभी को अपने तरीके से जीने का अधिकार है।

नवीनतम वीडियो समाचार अपडेट प्राप्त करने के लिए संस्कार न्यूज़ को अभी सब्सक्राइब करें

CATEGORIES
TAGS
Share This