Stock Markets : डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत ने विश्वभर के शेयर बाजारों में बनाया भारी उतार-चढ़ाव का माहौल

Stock Markets : डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत ने विश्वभर के शेयर बाजारों में बनाया भारी उतार-चढ़ाव का माहौल

Stock Markets : घरेलू शेयर बाजार पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शानदार जीत का जादू दूसरे ही दिन खत्म होता दिखा। बाजार में चौतरफा कमजोरी देखने को मिली।

Stock Markets : अमेरिका में हाल ही में हुए चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत ने विश्वभर के शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव का माहौल बनाया, लेकिन इस जीत का सकारात्मक असर भारतीय बाजार पर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया। ट्रंप की जीत के पहले दिन शेयर बाजार में तेजी देखी गई थी, लेकिन अगले ही दिन यह रुझान बदल गया और सेंसेक्स 836 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ।

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बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 836 अंक टूटकर 58,313.1 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली और यह 248 अंक नीचे गिरकर 17,420.3 पर बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार पर ट्रंप की जीत के असर का दूसरा दिन काफी निराशाजनक रहा। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों को लेकर असमंजस में हैं, और इसी असमंजस ने बाजार में गिरावट को बढ़ावा दिया।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की जीत का असर केवल अल्पकालिक था, और अब निवेशकों का ध्यान फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक पर है। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की चिंता बाजार में नकारात्मक भावनाओं को जन्म दे रही है। यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को बढ़ाता है, तो इसका असर वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई देगा।

इस गिरावट से आईटी, बैंकिंग, ऑटो और मेटल सेक्टर के शेयरों पर खासा असर पड़ा। प्रमुख कंपनियों में टीसीएस, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक और मारुति सुजुकी जैसे दिग्गजों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। वहीं दूसरी ओर, फार्मा और एफएमसीजी जैसे कुछ सेक्टरों में स्थिरता नजर आई, लेकिन कुल मिलाकर बाजार में नेगेटिव सेंटिमेंट्स हावी रहे।

इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भी भारतीय बाजार पर दबाव बनाया है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डॉलर की मजबूती और तेल की बढ़ती कीमतों से रुपया भी कमजोर हुआ, जिसका असर भारतीय कंपनियों के आयात लागत पर पड़ा।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में फेड रिजर्व का रुख साफ होते ही बाजार में स्थिरता आने की संभावना है। फिलहाल, निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

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