International Womens Day : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामने आया किरण बेदी का बयान, कहा- बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद मानना चाहिए

International Womens Day : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामने आया किरण बेदी का बयान, कहा- बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद मानना चाहिए

International Womens Day : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किरण बेदी ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि समाज में बेटियों को बोझ नहीं, बल्कि आशीर्वाद माना जाना चाहिए। बेटियाँ समाज की ताकत हैं और उन्हें समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए। बेदी ने बेटियों के लिए मानसिकता बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि समाज में बदलाव आ सके।

International Womens Day : भारत की प्रसिद्ध पुलिस अधिकारी और समाजसेवी किरण बेदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने समाज में बेटियों के प्रति बढ़ती हुई सोच को चुनौती देते हुए कहा कि बेटियों को कभी बोझ नहीं समझना चाहिए, बल्कि उन्हें आशीर्वाद मानना चाहिए। उनका मानना है कि समाज को बदलने के लिए मानसिकता में बदलाव लाना आवश्यक है और यही बदलाव समाज की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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किरण बेदी ने अपने बयान में कहा, “हमारे समाज में बेटियों को लेकर एक गलत धारणा बन गई है कि वे बोझ हैं, जबकि बेटियाँ हमारे समाज की शक्ति, प्रेरणा और बदलाव की चिंगारी होती हैं। यदि हम अपने बेटों और बेटियों के बीच भेदभाव को समाप्त कर दें, तो समाज की दिशा और दशा दोनों में बदलाव आ सकता है।” उनका कहना था कि अगर हम बेटियों को वही सम्मान और अवसर दें जो हम अपने बेटों को देते हैं, तो हमारे समाज में असली बदलाव आएगा।

महिला दिवस के अवसर पर किरण बेदी ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति और उनके अधिकारों पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएँ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो चुकी हैं और उन्होंने यह साबित किया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। चाहे वह राजनीति हो, खेल हो, शिक्षा हो या कोई और क्षेत्र, महिलाएँ हर जगह अपनी छाप छोड़ रही हैं।

बेटियों को लेकर समाज की सोच में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए किरण बेदी ने कहा, “बेटियाँ हमारे समाज का आधार हैं। उन्हें शिक्षा, समान अधिकार, और सम्मान मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें और समाज में अपनी जगह बना सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस दिशा में अधिक काम करने की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं और बेटियों के लिए समर्पित नीतियाँ और योजनाएँ बनाई जा सकें।

किरण बेदी ने महिला सशक्तिकरण के महत्व पर भी बल दिया और कहा कि सशक्त महिलाएँ ही समाज और राष्ट्र की सशक्तता का कारण बन सकती हैं। उनका यह भी मानना है कि महिलाओं को अपनी आवाज़ उठाने का पूरा अधिकार होना चाहिए, ताकि वे अपने हक के लिए संघर्ष कर सकें और समाज में बराबरी का दर्जा प्राप्त कर सकें।

इस संदर्भ में किरण बेदी ने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करें और हर स्थान पर महिलाओं को सम्मान दें। उन्होंने कहा, “महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देना हमारा कर्तव्य है।”

किरण बेदी का यह बयान एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो समाज को महिलाओं और बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलने के लिए प्रेरित करता है। उनका मानना है कि महिलाएँ किसी भी परिस्थिति में अपनी पूरी क्षमता के साथ समाज में योगदान देने के लिए सक्षम हैं, और अगर उन्हें समान अवसर दिए जाएं, तो वे निश्चित रूप से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर किरण बेदी का यह बयान समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।

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